राजधानी पटना के एक हाई स्कूल में शिक्षा , शिक्षक और बेचारे विद्यार्थियों का हाल - दैनिक जागरण , पटना से एक खबर
पटना के हवाले ,पटना जिले के धनरुआ प्रखंड में स्थित पभेडा हाई स्कूल की एक खबर आई है. पभेडा , पटना मसौढ़ी गया रोड के निकट एक बड़ा गाँव और बाजार है. मोबाइल और लैंड लाइन टेलिफोन की सुविधा,पभेड़ी मोड़ पटना गया उच्च पथ पर स्थित एक ठीक ठाक बाजार ,प्रखंड मुख्यालय से पभेडा गाँव महज चार किलो मीटर की दूरी . राजधानी पटना भी बीस किलो मीटर से ज्यादा दूर नहीं.मतलब पभेडा गाँव हर मायने में आधुनिक संचार , यातायात और प्रशासनिक व्यवस्था केंद्र के बेहद निकट अवस्थित है..आप पढ़ कर अनुमान लगाएं की इस स्कूल में क्या हो रहा होगा. हमने शिक्षा को किन लोगों के हवाले कर दिया है और नयी पीढ़ी को क्या पढ़ा और सिखा रहे हैं.अगर पभेडा हाई स्कूल में यह सब हो सकता है तो सुदूर देहाती स्कूलों और खास कर प्राथमिक तथा मध्य विद्यालयों में बच्चों पर किस किस तरह के जुल्म ढाए जाते होंगें ? मन सिहर उठता है.
गुस्साये शिक्षक ने छात्रों की पिटाई की, चार जख्मीMay 14, 11:46 pmबताएं
Twitter Delicious Facebook मसौढ़ी धनरूआ प्रखंड की आदर्श पंचायत पभेड़ा स्थित श्री राम हरि उच्च विद्यालय के एक शिक्षक ने दर्जनों छात्रों को शुक्रवार को पिटाई कर दी, जिससे चार छात्र गंभीर रूप से जख्मी हो गये। बाद में उनका उपचार स्थानीय निजी क्लीनिक में कराया गया। इन छात्रों का दोष इतना था कि मुख्यमंत्री की विकास यात्रा की संभावित दौरे को लेकर शुक्रवार की सुबह योजनाओं की समीक्षा करने गये बीडीओ से ग्रामीणों ने विद्यालय की बदतर स्थिति की शिकायत की थी और इन शिकायतों की जांच करने बीडीओ विद्यालय पहुंचे थे। वहां छात्र-छात्राओं ने ग्रामीणों की शिकायत की पुष्टि भर कर दी थी। इस बीच बीडीओ ने विद्यालय की बदतर स्थिति की लिखित जानकारी एडीओ को देते हुए कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक धनरूआ प्रखंड की पभेड़ा पंचायत सरकार द्वारा घोषित आदर्श पंचायत है। ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि मुख्यमंत्री अपनी विकास यात्रा को लेकर निकट भविष्य में इस पंचायत का भी दौरा करेगे। मुख्यमंत्री के इस दौरे को लेकर शुक्रवार की सुबह बीडीओ शंकर प्रसाद सिंह पभेड़ा पंचायत में क्रियान्वित योजनाओं की समीक्षा करने पहुंचे वहां ग्रामीणों ने उनसे गांव में स्थित श्री राम हरि उच्च विद्यालय की बदहाल स्थिति की शिकायत की। ग्रामीणों से मिली इन शिकायतों की जांच करने बीडीओ तुरन्त विद्यालय पहुंचे। वहां की स्थिति देख वे चकित रह गये। विद्यालय में गंदगी का अंबार लगा था और छात्र-छात्राएं खेल रहे थे। विद्यालय के कुल दस शिक्षकों में से प्रधानाध्यापक सत्य नारायण सिंह समेत नौ शिक्षक व दोनों आदेशपाल अनुपस्थित थे। हालांकि प्रधानाध्यापक ने उन्हे सेलफोन पर खुद को जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में कार्यवश होने को बताया। छात्र-छात्राओं ने भी बीडीओ से हमेशा अधिकांश शिक्षकों के अनुपस्थित रहने व इस कारण उनका पठन-पाठन बाधित रहने की शिकायत दर्ज करायी। उधर जांच के बाद बीडीओ के लौट जाने के करीब दो घंटे के उपरान्त विद्यालय के शिक्षक ब्रजेश कुमार, पूनम कुमारी व उपेन्द्र कुमार वहां पहुंचे। शिक्षकों को देख कक्षा नौवीं व दशमी के छात्रों ने उनसे कक्षा लेने का अनुरोध किया। बीडीओ से खुद की गयी शिकायत से पहले से ही आक्रोशित शिक्षक ब्रजेश कुमार तिलमिला उठे और उन्होंने पहले उन छात्रों के साथ अपशब्दों का प्रयोग किया और फिर उनसे बदला लेने की एक सोची समझी साजिश के तहत कक्षा लेने के बहाने उन्हे कक्षा में ले गये और वहां छात्रों को डंडा, चप्पल से पीटना शुरू कर दिया इससे छात्र चोटिल हो गये। थाना में लिखित आवेदन दिया।
ऊपर की यह खबर जमीनी स्तर पर शिक्षा की बदहाल व्यवस्था से साक्षात्कार कराता है . सरकारी व्यवस्था के विपरीत हासिये पर स्थित देहाती तबकों में शिक्षा की ललक और व्यक्तिगत निष्ठा और समर्पण का दर्शन कराती ऊपर में दी गयी तीन तस्वीरें धनरुआ प्रखंड के मध्य विद्यालय ननौरी की है. दिसम्बर महीने का पहला सप्ताह , समय सुबह के साढ़े आठ बजे. गाँव के एक उतसाही आदर्शवादी व्यक्ति स्कूल खुलने के पहले गाँव के बच्चों को अपने निजी स्तर पर प्रारभ्मिक शिक्षा देते हैं . स्कूल भवन , पढ़ाने वाले की निष्ठा और बच्चों की स्थिती पर गौर करें . गाँव के bottom ५०% के बच्चे पढ़ना लिखना सीख रहें हैं.पढ़ने वालों में बालिकायों की संख्या पर देखें . पढ़ने और पढ़ाने की कैसी ललक है यहाँ . पर सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर कैसे लोगों का कब्जा है और वो कैसे कैसे सितम ढाते
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